इस बदलाव के कारणों एवं षड़यंत्रा पर अपनी नजरिया प्रस्तुत करते हुए वे लिखती हैं-हर शहर का अपना एक चेहरा होता है, जो उसकी जीवन-शैली, बोली-बानी मेले-ठेलों, रीति-रिवाज़ों यानी कुल जमा सांस्कृतिक विन्यास से पहचाना जाता है।
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इस बदलाव के कारणों एवं षड़यंत्रा पर अपनी नजरिया प्रस्तुत करते हुए वे लिखती हैं-हर शहर का अपना एक चेहरा होता है, जो उसकी जीवन-शैली, बोली-बानी मेले-ठेलों, रीति-रिवाज़ों यानी कुल जमा सांस्कृतिक विन्यास से पहचाना जाता है।